000 | 00786 a2200193 4500 | ||
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005 | 20240924163220.0 | ||
008 | 211224b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a978-8126726042 | ||
040 | _cCUS | ||
082 |
_a891.431 _bKAR/I |
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100 |
_aकार्कीढोली, वीरभद्र _9797 |
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245 | _aइस शहर में तुम्हे यद् कर | ||
260 |
_bराजकमल प्रकाशन, _aनई दिल्ली: _c2016 |
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300 | _a127p. | ||
505 | _a1.इस वक़्त तुम कहॉ हो प्रभु 2.फिर उसी जगह आ पहुचा 3.जिस बादल के पीछें तुम हो | ||
650 |
_a कविताऍ _91261 |
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942 |
_2ddc _cWB16 _03 |
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999 |
_c209755 _d209755 |