विश्वरंजन

आलोचना का नेपथ्य: आलोचना की आलोचना - दिल्ली: शिल्पायन, 2012. - 376p.

1. रचना और आलोचना
2. आलोचना की संस्कृति और संस्कृति की आलोचना
3.आलोचना की राजनीति
4. आलोचना कीपहचान
5.समकालीन समीक्षा के सामाजिक सरोकार


आलोचना

891.4309 / VIS/A