मुक्तिबोध संचयिता/ संपादित छबिल कुमार मेहेर - दिल्ली: अनन्य प्रकाशन, 2018. - 2 v. (320 पी)

पूंजीवादी समाज के प्रति
मुझे पुकारती हुई पुकार
इसी बैलगाड़ी को
अंत: करण का आध्यान
जिन्दगी का रास्ता

9789387145320


हिन्दी उपन्यास

891.433 / MEH/M