प्रतिनिधि कविताएँ/
मुक्तिबोध, गजानन मा.
प्रतिनिधि कविताएँ/ गजानन मा. मुक्तिबोध - नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन, 2019. - 185 पी
पूंजीवादी समाज के प्रति
मैं उनका ही होता
रात चलते हैं अकेले ही सितारे
बहुत दिनों से
9788126704255
हिन्दी कविताऍ
891.431 / MUK/P
प्रतिनिधि कविताएँ/ गजानन मा. मुक्तिबोध - नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन, 2019. - 185 पी
पूंजीवादी समाज के प्रति
मैं उनका ही होता
रात चलते हैं अकेले ही सितारे
बहुत दिनों से
9788126704255
हिन्दी कविताऍ
891.431 / MUK/P