नागार्जुन रचनावली/
नागार्जुन रचनावली/
संपादित शोभाकान्त
- नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन, 2011.
- 7 v. (vi, 518 पी)
भारतीय जनकवि का प्रणाम
कोरस चंद विधायकों का डालर रोया बिखल-बिखलकर
देवी लिबटी
लगता पागल हो जाएगी
कविता
891.4308 / SHO/N
भारतीय जनकवि का प्रणाम
कोरस चंद विधायकों का डालर रोया बिखल-बिखलकर
देवी लिबटी
लगता पागल हो जाएगी
कविता
891.4308 / SHO/N